पाकिस्तान में अल्पसंख्यक समुदाय के सदस्यों के खिलाफ हो रहे अत्याचारों की एक कड़ी में एक नई घटना जुड़ गई है. सिंध प्रांत में दो नाबालिग हिंदू लड़कियों का कथित रूप से अपहरण कर लिया गया है. पुलिस के घटना की प्राथमिकी दर्ज करने से इनकार करने पर लड़कियों की मां ने बुधवार को विरोध प्रदर्शन किया. मां ने दावा किया कि यह घटना पिछले हफ्ते सुक्कुर के पास सलाह पाट इलाके में हुई जब वे अपने परिवार के साथ घर लौट रही थीं.
उन्होंने बताया कि तीन लोग आए और उसकी 17 और 18 साल की दोनों बेटियों को जबरन उठाकर ले गए और जब उसने उन्हें रोकने की कोशिश की तो उन्होंने धक्का दिया और मारा. जब वे थाने में बेटियों के अपहरण की घटना की शिकायत लिखवाने पहुंचीं तो पुलिस ने घटना की प्राथमिकी दर्ज करने से इनकार कर दिया. बेबस मां ने बुधवार को विरोध प्रदर्शन किया.
कई इलाकों में हिंदू लड़कियों का हो रहा अपहरण
महिला ने बताया “मैंने उन नकाबपोश लोगों का नाम लिया है जिन्होंने मेरी बेटियों का अपहरण किया है, लेकिन पुलिस कुछ नहीं कर रही है. मैं अदालत से इस मामले का संज्ञान लेने और मुझे मेरी बेटियां वापस देने की अपील करती हूं.
सिंध प्रांत के अंदरूनी इलाकों में युवा हिंदू लड़कियों का अपहरण और जबरन धर्म परिवर्तन एक बड़ी समस्या बन गई है, जिसमें थार, उमरकोट, मीरपुरखास, घोटकी और खैरपुर क्षेत्रों में बड़ी हिंदू आबादी है और वहां अधिकांश हिंदू समुदाय के सदस्य मजदूर हैं. बता दें कि पाकिस्तान की सिंध सरकार ने इसी महीने सिंध प्रांत के हैदराबाद शहर से एक 14 वर्षीय हिंदू लड़की के अपहरण की रिपोर्ट की उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया था.
पिछले महीने एक महिला-दो लड़कियों की हुई थी किडनैपिंग
पिछले महीने भी, हिंदू समुदाय से संबंधित एक महिला और दो किशोर लड़कियों का अपहरण कर लिया गया था, जिनमें से दो को जबरन इस्लाम धर्म कुबूल करवा लिया गया और फिर दोनों की मुस्लिम पुरुषों से शादी करा दी गई थी.
16 जुलाई, 2019 को सिंध प्रांत के विभिन्न जिलों में हिंदू लड़कियों के अपहरण और जबरन धर्मांतरण का मुद्दा सिंध विधानसभा में भी उठाया गया था, जहां कुछ सांसदों की आपत्तियों पर संशोधन के बाद एक प्रस्ताव पर बहस हुई और फिर उसे सर्वसम्मति से पारित किया गया था कि धर्मांतरण नहीं होना चाहिए. लेकिन जबरन धर्म परिवर्तन को अपराध घोषित करने वाले विधेयक को बाद में विधानसभा में खारिज कर दिया गया. इसी तरह का एक बिल फिर से प्रस्तावित किया गया था लेकिन पिछले साल खारिज कर दिया गया था.
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